30 नवंबर को लंदन स्थित डार्टफ़र्ड मंदिर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुझे बच्चों—और अप्रत्यक्ष रूप से उनके माता-पिता—से संवाद के लिए आमंत्रित किया गया। पहले सत्र में सनातन धर्म से जुड़े कुछ प्रमुख प्रश्नों और उनके उत्तरों पर चर्चा हुई। दूसरा सत्र विद्यार्थियों के लिए अध्ययन-कौशल पर केंद्रित था।
यद्यपि मुख्य लक्ष्य बच्चे थे, फिर भी माता-पिता स्वाभाविक रूप से इस बातचीत का हिस्सा बने, क्योंकि दोनों ही विषयों में—बच्चों में सनातन धर्म, विशेषकर गीता, की समझ विकसित करना हो या अध्ययन-कौशल को संवर्धित करना—माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
मंदिर-प्रबंधन ने अनुरोध किया कि जब भी मैं इंग्लैंड में रहूँ, तो बच्चों और उनके माता-पिता के लिए कुछ समय अवश्य निकालूँ, ताकि उन्हें सनातन धर्म, विशेषकर गीता, तथा अध्ययन-कौशल के विषय में मार्गदर्शन दिया जा सके।
संपूर्ण सत्रों का पूरा वीडियो शीघ्र ही यूट्यूब पर उपलब्ध होगा। फिलहाल, यहाँ एक तस्वीर और एक छोटा वीडियो साझा कर रहा हूँ।

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