छह महीने की साधना से ईश्वर के दर्शन! | एक संत का सच्चा अनुभव

यह वीडियो एक गूढ़ प्रश्न का उत्तर देता है —
कितने दिनों की साधना के बाद ईश्वर के दर्शन होते हैं?

शास्त्र कहते हैं — छह महीनों में कोई भी योग शुद्ध हो जाता है।
परंतु एक वृंदावन के संत ने इसका प्रत्यक्ष अनुभव किया।
उन्होंने अमरकंटक की गुफाओं में भगवद् गीता का एक ही श्लोक छः महीनों तक गाकर जपा —
और छठे महीने श्रीकृष्ण साक्षात् प्रकट हुए।

इस वीडियो में जानिए —
👉 सच्ची साधना में ‘समय’ नहीं, ‘भाव’ निर्णायक होता है।
👉 ईश्वर गणना नहीं करते, वे केवल भावना देखते हैं।
👉 यदि चित्त शुद्ध हो, सत्व निर्मल हो —
तो छह महीने ईश्वर-दर्शन के लिए पर्याप्त हैं।

📘 संदर्भ:
भगवद् गीता — अध्याय 12 (श्लोक 13–19)

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